Thursday, January 19, 2012

जुनून सर में एक ही है

     

जुनून सर में एक ही दिल में आग एक ही है,
तिरंगे की शान पर मिट जाना ख्वाब एक ही है..

रक्त चाप सर पर लिए वे जूझते दुश्मन से हमारे,
उनको पैगाम-ए-हिंद पहुँचाना काज एक ही है..
धरा की धरोहर वीर कौशल के बलिदानों के आगे,
झुक कर नमन करना मेरी श्रद्धा मेरी पूजा यही है...
जुनून सर में एक ही दिल में आग एक ही है,
तिरंगे की शान पर मिट जाना ख्वाब एक ही है..

भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, 
बिस्मिल, आज़ाद व अशफाक एक ही हैं,
अमर उनके नाम को कर जाना मेरा अरमान एक ही है..
न धर्म, न जात कोई, न क्षेत्र, न विवाद,
बस भारतीय होना मेरी आँखों में नाज़ एक ही है..
जुनून सर में एक ही दिल में आग एक ही है,
तिरंगे की शान पर मिट जाना ख्वाब एक ही है..

गंगा-जल की पवित्र धरती पर रोज़ होता वीरों का जन्म,
यहाँ सूर्य अस्त नहीं, रोज़ चमका, रोज़ उदय है..
जहाँ शहीदों के त्याग की कथाएं किशोरे  हैं सुनते आये,
पूरे विश्व में मेरा अभिमान, भारत देश विशेष एक ही है..
जुनून सर में एक ही दिल में आग एक ही है,
तिरंगे की शान पर मिट जाना ख्वाब एक ही है.. 

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